...

2 views

एक वादा
एक वादा कई रिश्तें बनाता है....
रह जाए जो कभी,
अधूरा फिर "
कई सारे रिश्तों को,
यह खा जाता जाता है...!!

वादा तो रिश्तों में हर मोड़ पे....
लिया जाता है,
एक ना एक वादा तो "
उनमे से कभी,
चकनाचूर हो ही जाता है...!!

खुशी हो या गम वादा भी बहुत....
सोचकर लिया जाता है,
हर कोई नही होता "
वादों को पूरा करने लायक,
कुछ वादों का अधूरा रहना ही "
सही कहलाता है....!!

वादों से जुड़ा हर एक रिश्ता....
झूठ के नाम पर,
एक दिन बिखर ही जाता है...
बिन वादों के शुरू "
हुआ सफ़र,
आखिरी तक निभ ही जाता है....!!

निभा ना सके जिन वादों को...
कोई चाहकर भी,
प्यार मोहब्बत में इंसान "
ऐसे कई सारे वादे कर जाता है...
पूरा ना हो जो वह वादा,
फिर क्यों कोई आँसू बहाता है....!!


© Himanshu Singh