तेरी याद …..
तेरी याद अक्सर चुभती है
दिल में शूल बनकर ,
तार-तार कर देती है मेरे अंचल को
जब जब उलझती है उससे ,
मैं निरीह बेवस सी...
दिल में शूल बनकर ,
तार-तार कर देती है मेरे अंचल को
जब जब उलझती है उससे ,
मैं निरीह बेवस सी...