...

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सांसे
आज फिर तुम्हारी याद आई,
जब मेरे सब अपने यह
जानकर छोड़ गए कि शायद
अब सांसे नहीं बची है मुझ में,
यह मुमकिन है कि वो
इस बात से वाकिफ ना थे कि
कुछ सांसे जो कतरा कतरा
बचाई थी मैंने रातों में ,
तुमसे मिलने की चाह में
वह अभी भी बाकी है मुझ में ।
© Vinayak Albela