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मैं अकेला हूँ
माँ बाप के रहते हुए भी मैं अकेला हूँ,
उनको मुझसे नहीं, सिर्फ पैसों से प्यार है।
दिल में दर्द है, पर कोई समझने वाला नहीं,
रिश्तों में बस अब तो, हर जगह व्यापार है।
जब भी देखता हूँ, उनकी आँखों में उम्मीद,
सिर्फ दौलत की चाहत, उनका सारा संसार है।
मुझे प्यार चाहिए, उनका थोड़ा सा वक़्त,
पर उनकी दुनिया में, बस दौलत का आकार है।
© नि:शब्द
उनको मुझसे नहीं, सिर्फ पैसों से प्यार है।
दिल में दर्द है, पर कोई समझने वाला नहीं,
रिश्तों में बस अब तो, हर जगह व्यापार है।
जब भी देखता हूँ, उनकी आँखों में उम्मीद,
सिर्फ दौलत की चाहत, उनका सारा संसार है।
मुझे प्यार चाहिए, उनका थोड़ा सा वक़्त,
पर उनकी दुनिया में, बस दौलत का आकार है।
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