...

5 views

बड़ी जल्दी में थे तुम
कि एहतियातन ही, इस बार
मेरे हाथों नें, तुम्हारी हथेली
थामने की जिद्द नहीं की,
ना ही जताई ख़्वाहिश
इस दफ़ा, मेरे होठों ने,
तुम्हारे गालों को चूमने की,
ना ही लगाई कोई उम्मीद
मेरे कानों ने इस बार,
तुमसे तारीफें सुनने की,
धोखा दे गई तो बस
ये कमबख़्त, बेशर्म आँखें
और हों गयीं नम शिकायत से
कि बड़ी जल्दी में हो तुम।।
© aj_potter100