...

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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त।।
उतरें कपड़े जब,
तो तेरा ही चेहरा सामने आया था,
जब छुअन हुई तो तेरा ही स्पर्श हुआ था,
आंखों में थे अश्रु वो प्रेम दिखा रहे थे।।
क्या मेरा और क्या तेरा जब,
कुछ चहा नहीं मैंने तो बस तो एक बंजारन का सहारा।।
नायिका देखो ओ री औरतों ओ लड़की ओ वैशया।।
बहन ये जग में मैं बस एक ही इस लगाए बौराई -बौराई फिरती कि क उनो दिशा में बालम हमार राह ताकि जाति हुहिई हमार भी क उनो राजा मगर ना ही सोचि राही कि एकाह गुज़री भोर बनिहाई औराह जहिका बध कलेजा मां लकी जावे आग उ कोई अऊराह दिशा मां चली।।
किंतु परमेश्वराह जी मनु आमाकनं स्तुति में बहावा एक दीर्घ अपराधत्ति भवति।।
शरीर मेरा अंग तेरे।।
अस्तित्व मेरा इज्जत तेरी।।
तन मेरा मन तेरा।।

बाल मेरे उन पर गजरा तेरा,
माथा मेरा बिन्दियां तेरी,
नाक मेरी नथिनी तेरी,
कान मेरे बालियां तेरी,
आंखें मेरी काजल तेरा,
भौंए मेरी आईलाइनर तेरा,
हाथ मेरे चुढिया तेरी,
हथेली मेरी मेहंदी तेरी,
मेहंदी मेरी खुशबू तेरी,
स्तन मेरे ब्लाउज या ब्रा तेरी,
कमर मेरी बन्ध तेरा,
दिन शुरू तुझसे,
तेरे साथ में गुज़रे वो रातें,
मेरी इज्जत तेरा अभिमान,
मेरा अस्तित्व तेरी नथ।।
मैं लड़की, मैं औरत, मैं ही वेशया,
जिस्म मेरे चादर तेरी,
बदन मेरा आगोश तेरा,
अगर मैं निर्वस्त्र हुई,
तो तेरी इज्जत,
तेरा अभिमान मेरी नथ बनकर उतर जाएगा।
मांग मेरी सिन्दूर तेरा।।
होंठ मेरे लाली तेरी।।
" मैं ही तू-तू ही मैं "
#एक सत्य
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