...

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वक्त की आशिकी
वक्त से उसे मांग लाना जरूरी है ,
वो किस्मत में नहीं है ये इश्क़ की मजबूरी है,
ख्वाहिश उसे पाने की अब भी अधूरी है ,
वो ख्वाब है सुनहरा जिससे देखना जरूरी है,
वो दूर होकर भी मुझसे खुश नहीं है,
मैं याद उसे इस बात से मुझे सबूरी है,
मैं अधूरा हूं हर पल उसके बगैर,
वो साथ होती है तो जिंदगी मेरी पूरी है,
उसके हर सपने आ गए हैं मेरी आंखों में,
उसके हर जख्म अब मेरे लिए बेफितूरी हैं,
वक्त से उसे मांग लाना जरूरी है,
वो किस्मत में नहीं है ये इश्क़ की मजबूरी है,

© ✍️Writer-S.K.Gautam