...

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"हर पल तुम हो"
मेरी ज़िन्दगी का,
सुनहरा कल तुम हो..!
बेहतरीन हर लम्हा तुमसे,
ख़ास ज़िन्दगी हर पल तुम हो..!

समस्याएँ आती रहती हैं,
हर दिन चाहे जितनी भी..!
आसान बनाई ज़िन्दगी तुमने,
मुश्किलों का हल तुम हो..!

मैं धुआँ धुआँ राख़ सा,
हुआ ख़ाक यूँ ही जब भी.!
शांत चित्त की पराकाष्ठा,
निर्मल जल तुम हो..!

इधर उधर भटकता रहा,
राहों में मैं तन्हा..!
भ्रमित ज़िन्दगी में मेरी,
सब्र का तुम फल हो..!
© SHIVA KANT