एक अजनबी।
एक अजनबी से दिल लगाया।
अपना समझा उसे।
उसने गैरों सा रिश्ता निभाया।
जिस सक्स के साथ अपने पराए।
का कोई भेद नही किया कभी।
उसी इन्सान ने दिल के टुकड़े
हजार करके गैरों सा सुलुख किया।
मैं भूल गया था।
गैर गैर ही होते हैं।
अजनबी अजनबी ही होते हैं।
वो कभी अपने नही बन सकते हैं।
एक अजनबी हमेशा
अजनबी ही रहता हैं।
कहां कब वो किसी...
अपना समझा उसे।
उसने गैरों सा रिश्ता निभाया।
जिस सक्स के साथ अपने पराए।
का कोई भेद नही किया कभी।
उसी इन्सान ने दिल के टुकड़े
हजार करके गैरों सा सुलुख किया।
मैं भूल गया था।
गैर गैर ही होते हैं।
अजनबी अजनबी ही होते हैं।
वो कभी अपने नही बन सकते हैं।
एक अजनबी हमेशा
अजनबी ही रहता हैं।
कहां कब वो किसी...