Maa!!
अपने सपनों की राह पर चला जरूर हूं,
पर उनको तो तुमने भी जिया है ना।
माना ये जंग अकेली मेरी है,
फिर क्यों तुम मेरे साथ लड़ती हो।
जब में घर निराश हुआ आता हूं,
तब तुम क्यों...
पर उनको तो तुमने भी जिया है ना।
माना ये जंग अकेली मेरी है,
फिर क्यों तुम मेरे साथ लड़ती हो।
जब में घर निराश हुआ आता हूं,
तब तुम क्यों...