...

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ख़्वाब और ख़्याल
ख़्वाब की राहों में खो जाऊँ,
ख़्यालों के जहाँ में खो जाऊँ।

चाँदनी रातों में ख्वाब सजाती हूँ,
ख़्यालों की बातों में खो जाऊँ।

दिल की धड़कनों में बसता है ख्याल,
ख़्वाबों के सहरे में खो जाऊँ।

उम्र भर की आस पास घूमते हैं ख़्याल,
ख़्वाबों के साए में खो जाऊँ।

बुनती हूँ मैं ख्वाबों की चादर,
ख़्यालों के संग में खो जाऊँ।

जीने की राहों में ख्वाब बिछाती हूँ,
ख़्यालों के साथ में खो जाऊँ।

ख़्वाब और ख़्याल की मोहब्बत में,
खुद को भूल जाऊँ खुदा में।
© Simrans