7 views
रात पूनम
रात पुनम की ओर महताब
आज जाने क़्यू बाम पे
मेरा यार ना आया,,
अँधेरा ही अँधेरा एसा छाया
लगता है काली घटा ने आज फिर
उसे अपने आशियाने मे छुपाया ,,,
झुकी पलके कह रही हैं बहुत कुछ
आज फिर उसने गेसुऔ मे
फुलो का जुड़ा लगाया ,,
सुर्ख लाल जोड़े मे वो लगती है
नई नई सी दुल्हन ,,
लगता है आज महताब मारे हया के ,,
रात पुनम की है ओर नज़र ना आया,,
© jitensoz
आज जाने क़्यू बाम पे
मेरा यार ना आया,,
अँधेरा ही अँधेरा एसा छाया
लगता है काली घटा ने आज फिर
उसे अपने आशियाने मे छुपाया ,,,
झुकी पलके कह रही हैं बहुत कुछ
आज फिर उसने गेसुऔ मे
फुलो का जुड़ा लगाया ,,
सुर्ख लाल जोड़े मे वो लगती है
नई नई सी दुल्हन ,,
लगता है आज महताब मारे हया के ,,
रात पुनम की है ओर नज़र ना आया,,
© jitensoz
Related Stories
8 Likes
2
Comments
8 Likes
2
Comments