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देह व्यापार
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
इसका प्यासा बड़ा व्यापारी है,
जिसके बदन में न जाने कितनी आग बाकी है,
मगर उसके पास हराम का पैसा बड़ा भारी है,
ऐसे ही लोगो ने गरीबों और मजबूर लोगो को इस धंधे में उतारा है,
जिनकी समाज में साख शरीफों वाली है,
आज बदन बिक रहा है जगह जगह पर किसकी वजह से ये लाचारी है??
© anshu_✍️
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
इसका प्यासा बड़ा व्यापारी है,
जिसके बदन में न जाने कितनी आग बाकी है,
मगर उसके पास हराम का पैसा बड़ा भारी है,
ऐसे ही लोगो ने गरीबों और मजबूर लोगो को इस धंधे में उतारा है,
जिनकी समाज में साख शरीफों वाली है,
आज बदन बिक रहा है जगह जगह पर किसकी वजह से ये लाचारी है??
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