जीने का सहारा हूं मैं
न महलों बीच उजाला हूं मैं
न ज्वालामुखी का ज्वाला हूं मैं
न आसमान का तारा हूं मैं
न मेघ बीच चंचल चपला,
न अग्नि बीच अंगारा हूं मैं
मन उदास जीवन निराश
हर दिन जिनका होता उपहास
बच्चे जिनके नंगें भूखे,
मां के स्तन सूखे सूखे,
इनके...
न ज्वालामुखी का ज्वाला हूं मैं
न आसमान का तारा हूं मैं
न मेघ बीच चंचल चपला,
न अग्नि बीच अंगारा हूं मैं
मन उदास जीवन निराश
हर दिन जिनका होता उपहास
बच्चे जिनके नंगें भूखे,
मां के स्तन सूखे सूखे,
इनके...