कुछ जीते कुछ हारे
हम जीत में तेरे साथ थे,हम हार में तेरे साथ हैं
तन्हां ठगा आज खड़ा हूं,हाथ पर रख कर हाथ है
क्या समझूं मैं किसको अपना,होता न विश्वास है
अब क्या होगा सोंच रहा हूं, लगता कोई न पास है
लगता था मंजिल करीब है बदलेगा इतिहास है
सोंचा आगे निकल चुके हैं,पर सपना सा एहसास है
बनता है तेरह नौ बाइस,...
तन्हां ठगा आज खड़ा हूं,हाथ पर रख कर हाथ है
क्या समझूं मैं किसको अपना,होता न विश्वास है
अब क्या होगा सोंच रहा हूं, लगता कोई न पास है
लगता था मंजिल करीब है बदलेगा इतिहास है
सोंचा आगे निकल चुके हैं,पर सपना सा एहसास है
बनता है तेरह नौ बाइस,...