#राज
दिन को रात लिख दिया ऐसे हमने
किसी की बात को राज़ लिख दिया हमने
उनकी जुल्फों का कहर सताता है
उनकी हंसी को जिंदगी लिख दिया हमने।
जो बेफिक्र घूमती थी धड़कने कभी
हर सांस पर उनका नाम लिख दिया हमने
उनके दीदार के लिए चांद भी ठहरता है
जिनके लबों को चूम लिया है हमने।
इस जुर्म की सजा दी उसने कुछ ऐसे
जिंदा तो छोडा मगर अपनी यादें दीं उसने
हर लम्हा अपने साथ सितम लाता है
उन्हें सोचते तो है मगर दिल भर आता है।
किसी की बात को राज़ लिख दिया हमने
उनकी जुल्फों का कहर सताता है
उनकी हंसी को जिंदगी लिख दिया हमने।
जो बेफिक्र घूमती थी धड़कने कभी
हर सांस पर उनका नाम लिख दिया हमने
उनके दीदार के लिए चांद भी ठहरता है
जिनके लबों को चूम लिया है हमने।
इस जुर्म की सजा दी उसने कुछ ऐसे
जिंदा तो छोडा मगर अपनी यादें दीं उसने
हर लम्हा अपने साथ सितम लाता है
उन्हें सोचते तो है मगर दिल भर आता है।