![...](https://api.writco.in/assets/images/post/user/poem/632240627031240522.webp)
16 views
कामुकता
मैं इश्क़ कहू तू कर के बताना,
मैं लफ्ज़ कहूँ तुम छू कर बताना,
बेलिबास करता हुआ जब तू छू लेता है,
गुलाबी घाटी से तू इश्क़ का रस जब पी लेता है,
अपने कामुकता का रस छिड़क देता है,
भर के बाँहों में काले बिंदू कड़क कर देता है,
बाँहों में आहों की आहट से इश्क़ की चाह तक,
गुलाबी होंठों से योनि के होंठो की राह तक,
तेरा सख्त प्यार मेरी कोमल योनि को भा गया,
तू हवा बन मेरे बदन पर छा गया.,
© आंचल_की_कलम
मैं लफ्ज़ कहूँ तुम छू कर बताना,
बेलिबास करता हुआ जब तू छू लेता है,
गुलाबी घाटी से तू इश्क़ का रस जब पी लेता है,
अपने कामुकता का रस छिड़क देता है,
भर के बाँहों में काले बिंदू कड़क कर देता है,
बाँहों में आहों की आहट से इश्क़ की चाह तक,
गुलाबी होंठों से योनि के होंठो की राह तक,
तेरा सख्त प्यार मेरी कोमल योनि को भा गया,
तू हवा बन मेरे बदन पर छा गया.,
© आंचल_की_कलम
Related Stories
5 Likes
6
Comments
5 Likes
6
Comments