...

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उलझी सी हूँ मैं
सोच रहा हूं कैसा कर्म करूं मैं ,
खुद के जख्मों पर कैसे मरहम करूं मैं ,
सब दर्द को छुपाकर कैसे मुस्कुराया करूं मैं,
बिन सुरों की जिंदगी को कैसे गाया करूं मैं,
उलझी हुई जिंदगी को कैसे सुलझाया करूं मैं ,
लोगों के तानो को कैसे भुलाया करूं मैं,
बेख़ौफ़ जिंदगी पसंद है मुझे कैसे शर्म करूं मैं ,
खुद के जख्मों पर कैसे मरहम करूं मैं।।

मेरी खामोशी को कैसे बताया करूं मैं
हारी हुई उदासी को कैसे दिखाया करूं मैं,
खुद से खुद की कैसे बात करूं मैं,
खुदसे एकांत में कैसे मुलाकात करूं मैं
सब कुछ लिखकर कैसे बताया करूं मैं ,
खुद को हर महफ़िल में कैसे शायर बनाया करूं मैं,
लिख कर यूं ही अपने दुखों को कैसे कम करूं मैं ,
बताओ खुद के जख्मों पर कैसे मरहम करूं मै।
संजू कुशवाहा.....🖊️🖊️


© @__Dil _ki_baate_