एक आखिरीअलविदा।।
कैसे कहूं , किससे कहूं
जो दिल में है समा मेरे ।।
जो उलझन है ,इसे कैसे
सुलझावू मै,कैसे सुलझावू मै।।
कोई तो तरीका होगा,
कोई तो तरीका होगा।।
जो मुझे इस मुसीबत से निकालेगा,
कोई तो तरीका होगा।।
कैसे कहूं ,किससे कहूं,
जो दिल में है उलझन मेरे
इसे कैसे सुलझावू मै।।
कोई तो रस्था होगा,तक गई हूं मै,
अब और सेहन नहीं होता मुझसे।।
सारी उम्मीदें तूट गए मेरे,
अब जोड़ने से भी डर लगता है मुझे ।।
कई दुबारा बिखरे तो समेट नहीं पाऊंगी मै,
अब कोई उम्मीद रहा...
जो दिल में है समा मेरे ।।
जो उलझन है ,इसे कैसे
सुलझावू मै,कैसे सुलझावू मै।।
कोई तो तरीका होगा,
कोई तो तरीका होगा।।
जो मुझे इस मुसीबत से निकालेगा,
कोई तो तरीका होगा।।
कैसे कहूं ,किससे कहूं,
जो दिल में है उलझन मेरे
इसे कैसे सुलझावू मै।।
कोई तो रस्था होगा,तक गई हूं मै,
अब और सेहन नहीं होता मुझसे।।
सारी उम्मीदें तूट गए मेरे,
अब जोड़ने से भी डर लगता है मुझे ।।
कई दुबारा बिखरे तो समेट नहीं पाऊंगी मै,
अब कोई उम्मीद रहा...