आखरी अलविदा
महफिल सजा आज खुशियों का,
चमकती छम छम रोशनी चारों ओर
लहराता ख्वाबों का पतंग हर ओर,
किलती कमल सा नूर सजा है अंगनामें।।
चंदन की महक से प्रफुल्लित हर कोना,
कण कण में आज पाई है खुशी की पूंजी
ना जाने क्यों फिर बी मन विचलित है ,...
चमकती छम छम रोशनी चारों ओर
लहराता ख्वाबों का पतंग हर ओर,
किलती कमल सा नूर सजा है अंगनामें।।
चंदन की महक से प्रफुल्लित हर कोना,
कण कण में आज पाई है खुशी की पूंजी
ना जाने क्यों फिर बी मन विचलित है ,...