...

12 views

जय श्री राम
हाइकु 5-7-5

जय श्री राम
झुकूँ नतमस्तक
तुझे प्रणाम

हृदय धनी
आदर्शो का भंडार
मैं तेरा प्रेमी

मुस्कुराना हो
तेरा तो क्रोध छटे
पर्वत झुके

तेज है तेरा
हो उजाला सवेरा
जन कल्याण

© Karan