...

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तुमसे कितना प्यार हमे
यह कैसे बतला दूँ
तुमसे कितना प्यार हमें।

जितने सागर में मोती हैं
जितने नभ में तारे हैं
जितनी विस्तृत धरनी है
जितने जग में उजियारे हैं।
चलो बताता हूँ तुमको।
तुमसे कितना प्यार हमें।

आशाओं के उत्तुंग शिखर सी
भावों के भव्य करण सी
भूखे के एहसास जितनी
प्यासे के प्यास जितनी
लो तुम्हें यकीन दिलाता हूँ।
तुमसे कितना प्यार हमें।

सुंदरता के आकर्षण जितना
भौतिकता के घर्षण जितना
सौम्यता के दर्शन जितना
आनंद के तरंगों जितना
पास आओ समझाता हूँ।
तुमसे कितना प्यार हमें।

दिल जितनी बार धड़कता है
धड़कन के पैमाने जितना
साँसों के आने जाने जितना
शब्दों के श्रवण जितना
आओ एहसास कराता हूँ।
तुमसे कितना प्यार हमें।
© राकेश कुमार सिंह