...

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आंखे बोल पड़ी
आंखे बोल पड़ी और लब खामोश हो गए
मुझे इश्क है हाँ इश्क है ये राज खोल पड़ी
जुबान खामोश रहती है निगाहों ही निगाहों में बात होती है
जो राज गहरे छिपे थे उसके दिल में
मेरी नजर मिलते ही अश्क बनकर निकल पड़े
दिल का राज पहली मुलाकात में खोल पड़े
समझते थे एक मजबूत शख्सियत हम खुद को
एक इश्क के भूकंप से सारी जिंदगी डोल पड़ी
जो बात हम अपने दिल में छिपाए बैठे थे
रूबरू होते ही अचानक उनकी नजरें थी झुकी
आंखों की भाषा दो पागल दिल समझ गए थे
उन्होंने वो बात कर दी जो कभी हमसे कहा नही गया
आज आंखों के कारण मेरा दिल प्रेम गीत गाए जा रहा था