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बेहिसाब गलतियां
देखकर किसी की बहन का रंग-रूप....
उसके ऊपर अपनी गंदी नजरे "
जो तुम टिकाओगे,,,,,!!
क्या...फिर वही गंदी नज़रे "
तुम अपनी बहन से मिला पाओगे,,,,!!
किसी की भी बहन के साथ "
जोर-जबरदस्ती करके....
जो तुम उसको हाथ लगाओगे,,,,,,!!
क्या...फिर उन्ही पापी हाथों पर "
तुम अपनी बहन से राखी बंधा पाओगे,,,,,,!!
देखकर किसी की बहन के....
छोटे कपड़े,आश्लिल नामों से"
जो तुम उनको बुलाओगे,,,,,!!
क्या...फिर वही छोटे कपड़े पहनने से "
तुम अपनी बहन को रोक पाओगे, ,,,,!!
रास्ते मे किसी की बहन को....
अपनी ओर आता देख "
जो तुम सीटी बजाओगे,,,,,!!
क्या...फिर ऐसा बेहूदा चेहरा "
तुम अपनी बहन को दिखा पाओगे,,,,,!!
बीच सड़क पर बे-इज़्ज़त करके....
किसी की बहन को "
जो तुम सुकून से मुस्कुराओगे,,,,,!!
क्या...फिर देखकर ऐसे अपनी बहन को "
तुम ठीक उसी तरह सुकून से मुस्कुरा पाओगे,,,,,,!!
करके किसी की बहन का...
रात दिन पीछा, उसको "
जो तुम खून के आँसू रूलाओगे,,,,,!!
क्या...फिर अपनी बहन को रोता देख "
तुम उसकी सुरक्षा कर पाओगे,,,,,!!
दोस्तों के साथ रात के घने अंधेरे में....
किसी ओर की बहन के साथ "
जो तुम दरंदगी दिखाओगे,,,,,!!
क्या...फिर अपने जैसे दरिंदो से "
तुम अपनी बहन को छिपा पाओगे,,,,,!!
किसी की बहन के साथ करके....
दुष्कर्म,उसके आत्मसम्मान को "
जो गहरी ठेस तुम पहुंचाओगे ,,,,,!!
क्या....फिर उसी जगह अपनी बहन को
तुम खड़ा देखकर उसका आत्मसम्मान बचा पाओगे,,,,!!
करके ऐसी ही बेहिसाब गलतियां....
दुनिया के सामने लड़की के कपड़ो का "
जो दोष तुम बताओगे,,,,,!!
क्या....फिर अपनी बहन के साथ गलत होता देख "
तुम तब भी उसके कपड़ों का दोष बताओगे,,,,!!
किसी की बहन को बेरहमी और....
निर्दायिता से मार-मार कर "
जो तुम मौत के द्वारा पहुंचाओगे,,,,,!!
क्या....फिर अपनी बहन को तड़पता देख "
तुम उसका दर्द समझ पाओगे,,,,!!
जिस दिन तुम अपनी बहन का दर्द समझ पाओगे....
उसी दिन से तुम किसी और की बहन को "
सुरक्षित घर तक पहुंचाओगे,,,,!!
उसके ऊपर अपनी गंदी नजरे "
जो तुम टिकाओगे,,,,,!!
क्या...फिर वही गंदी नज़रे "
तुम अपनी बहन से मिला पाओगे,,,,!!
किसी की भी बहन के साथ "
जोर-जबरदस्ती करके....
जो तुम उसको हाथ लगाओगे,,,,,,!!
क्या...फिर उन्ही पापी हाथों पर "
तुम अपनी बहन से राखी बंधा पाओगे,,,,,,!!
देखकर किसी की बहन के....
छोटे कपड़े,आश्लिल नामों से"
जो तुम उनको बुलाओगे,,,,,!!
क्या...फिर वही छोटे कपड़े पहनने से "
तुम अपनी बहन को रोक पाओगे, ,,,,!!
रास्ते मे किसी की बहन को....
अपनी ओर आता देख "
जो तुम सीटी बजाओगे,,,,,!!
क्या...फिर ऐसा बेहूदा चेहरा "
तुम अपनी बहन को दिखा पाओगे,,,,,!!
बीच सड़क पर बे-इज़्ज़त करके....
किसी की बहन को "
जो तुम सुकून से मुस्कुराओगे,,,,,!!
क्या...फिर देखकर ऐसे अपनी बहन को "
तुम ठीक उसी तरह सुकून से मुस्कुरा पाओगे,,,,,,!!
करके किसी की बहन का...
रात दिन पीछा, उसको "
जो तुम खून के आँसू रूलाओगे,,,,,!!
क्या...फिर अपनी बहन को रोता देख "
तुम उसकी सुरक्षा कर पाओगे,,,,,!!
दोस्तों के साथ रात के घने अंधेरे में....
किसी ओर की बहन के साथ "
जो तुम दरंदगी दिखाओगे,,,,,!!
क्या...फिर अपने जैसे दरिंदो से "
तुम अपनी बहन को छिपा पाओगे,,,,,!!
किसी की बहन के साथ करके....
दुष्कर्म,उसके आत्मसम्मान को "
जो गहरी ठेस तुम पहुंचाओगे ,,,,,!!
क्या....फिर उसी जगह अपनी बहन को
तुम खड़ा देखकर उसका आत्मसम्मान बचा पाओगे,,,,!!
करके ऐसी ही बेहिसाब गलतियां....
दुनिया के सामने लड़की के कपड़ो का "
जो दोष तुम बताओगे,,,,,!!
क्या....फिर अपनी बहन के साथ गलत होता देख "
तुम तब भी उसके कपड़ों का दोष बताओगे,,,,!!
किसी की बहन को बेरहमी और....
निर्दायिता से मार-मार कर "
जो तुम मौत के द्वारा पहुंचाओगे,,,,,!!
क्या....फिर अपनी बहन को तड़पता देख "
तुम उसका दर्द समझ पाओगे,,,,!!
जिस दिन तुम अपनी बहन का दर्द समझ पाओगे....
उसी दिन से तुम किसी और की बहन को "
सुरक्षित घर तक पहुंचाओगे,,,,!!
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