...

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हमे छोड़ कर
देखो चले जा रहे,हमारे गजानन हमे छोड़ कर।
कैसे खुद को सम्हालें,प्रभु जा रहे है हमे छोड़ कर।
विनती करते सभी जन,ठहर जाओ प्रभु पल दो पल।
सुखदुख के हम साथी,चले जा रहे हो दुखी छोड़कर।
रहना दिल मे हमारे,कभी न जाना हमे छोड़कर।
तुमने ही तो कहा है,नही जाऊंगा मैं शेगांव छोड़कर।
वादा तुम अपना निभाना,कहीं तुम न जाना हमे छोड़कर।
संजीव बल्लाल ८/३/२०२४© BALLAL S

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