...

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सिमटती हुई
चलते चलते कहां से कहां आ गए हैं
कितनो से मिले कितने से बिछड़ते जा रहे है
पता ही नही चल रहा एक पड़ाव से कब दूसरे पर पहुंचते जा रहे हैं
बिताई तो खूबसूरत ही है आगे भी खुशनुमा बिताने का इरादा है
सिमटती जिंदगी को मंद मंद लहराती हवाओं से लेकर चलने का माद्दा है
बड़ी हिम्मत और धैर्य से जीवन डगर को चलते हैं
थोड़ी मोहब्बत थोड़ी शरारत का भी आनंद लेते है
संभलकर इस पड़ाव को पार करना होगा
अगले पड़ाव में किसी के लिए उदाहरण मजबूत रखना होगा
थोड़ी होगी तकलीफ चलो बरदासत कर लेंगे
बेहद इश्क है खुद से तो जीवन जी भी लेंगे
सिमटती हुई जिंदगी थोड़ा रुक सुस्ताले
अभी मंजिलें मौत का मंजर काफी दूर ओझल सा है
फक्र से जिए फक्र से आखिरी मंजिल को गले लगायेंगे
लेकिन उसके पहले जिंदगी को जिंदादिली से जीते जालें।