...

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बन्धन
बिना धागे या रस्सी से बंधे हम जाते हैं
एक दूजे को धोखा न देने की कसम खाते हैं
विवाह बिना किसी धागे से जुड़ा एक बन्धन है
जिसको धैर्य व विश्वास से सींचना जरूरी है
कुछ तो अपने साथी पर अंधा विश्वास किए जाते हैं
न कभी सोचते गलत बस साथ चलते जाते हैं
बेहद अनूठा बंधन जो हर तरह से हमे जोड़ देता हैं
धोखा दें उससे पहले हमे रोक लेता है
कई बार भटकना हो भी जाए तो
ये बंधन याद दिलाता है
वापस रखकर कोई तेरा अपना तुझको बुलाता है
रिश्ते ऐसे ही नहीं जुड़ते उनको प्यार स्नेह से सींचना पड़ता है
खुद के अहम को खत्म करके संबंध को सम्मान देना होता है
कभी लगे कुछ गलत होने को है तो थोड़ा रुककर पीछे देखो जो रास्ता दोनो ने साथ मापा है
हर सुख दुख में एक दूसरे को साथ पाया है
न कुछ गलत होगा न अलगाव होगा
बस दोनो आत्माओं का साथ रहना बेहद खूबसूरत होगा।