...

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सत्यं शिवम् सुंदरम
अक्सर नहीं समझते हम,
जो हमारे पास है,
उसे हम जान नहीं पाते,
खोजते रहते हैं खुशी कहीं और,
भविष्य की आस में,
हम नहीं समझ पाते।

"बेहतर भविष्य" की है हमें लालसा,
भूल जाते हैं सुंदरता,
जो है प्रत्यक्ष आंखों के सामने।
हम नहीं समझ पाते।

भगवान की खोज में हम,
देख नहीं पाते,
उसे सभी में,
हमारे चारों ओर,
हम नहीं समझ पाते।

"जीवन के अर्थ" की तलाश में हम,
गुरु को नहीं पहचान पाते,
जो खड़ा हैं हमारे सामने,
उसे हम जान नहीं पाते,
हम नहीं समझ पाते।
@मस्तनाथजोगी

© आचार्य मयूर भारद्वाज
© MS Vedic Spirituality