...

4 views

संभालते संभालते कभी...
संभालते संभालते कभी, कुछ छूट जाता है
देखते ही देखते, सब टूट जाता है

क्या सच है, था और रहेगा यही
समझ में समझ, बस झूठ आता है

के पिलाता रहा, जो पूछ पूछ कर
बमुश्किल प्यास में, एक घूंट पाता है

रूप को रंग कर, जिस्म का ढोना
कांधों पर चढ़कर, सिर्फ ठूंठ जाता है

पल में फिसलता है, ये एक पल
बेवजह इस कदर, 'विपिन' अटूट जाता है

© विपिन कुमार सोनी
28/29.03.2024
#vipinkumarsoni #tutjatahai #viral #allahabadi