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शीतल चांदनी
#MoonlitMagic

तुम सुंदर,तुम चंचल,सुकुमारी
चंदा की चांदनी में दिखती मनोहारी,
मछली से नयन तुम्हारे,
अति सुंदर कजरारी,
पतले से होंठ तुम्हारे
लगी हुई है लाली
ओ मेरी सजनी तुम
डोलती -फिरती हो
चंदा की चांदनी में
दिखती मनोहारी।
कल ही तो हुआ है मिलन हमारा,
‌शीतल सी चांदनी ने किया रौशन, प्रणय हमारा।।

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