झरोखा
एक कोने से हल्की सी सिसकारी सुनीं
लगा जैसे हमें हमारी ही रूह सुनाई दी
और धीरे से बोलीं........
क्यों हुई होआज तुम इतनी बेबस
है तुममें अद्भुत शक्ति,
पहचान जरा अपनी हस्ती।
सपने सुहाने.........
लगा जैसे हमें हमारी ही रूह सुनाई दी
और धीरे से बोलीं........
क्यों हुई होआज तुम इतनी बेबस
है तुममें अद्भुत शक्ति,
पहचान जरा अपनी हस्ती।
सपने सुहाने.........