...

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गौर करो
सुनो रुको जरा गौर करो,
मुझसे तुम यूं ना डरो।
ओ निश्चल से मन आज तुमसे मिलना चाहती हूं मैं,
वो पुरानी सी मासूमियत फिर से महसूस करना चाहती हूं मैं।
सुनो रुको जरा गौर करो,
मुझसे तुम यूं ना डरो।
वो बेबाक मनमानी के दिन फिर से जीना चाहती हूं मैं,
ज़ुबा पे ताले और आंखों से कई कहानियां कहना चाहती हूं मैं।
सुनो रुको जरा गौर करो,
मुझे तुम यूं ना डरो।
© #harshi