...

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प्रवृति का आधार प्रकृति 😇🌲🏔️🌍
🌼
ये धरती ,पर्वत ,नदियाँ
केवल भौगोलिक सरंचनाएं नहीं हैं

ये सकून है ...
प्रकृति का वरदान हैं...

जो इस खत्म होती
बोझिल ज़िंदगी को भी
अपने रंगों से सजा देती हैं...


बोझिल होने लगता है
जब तन- मन
जान फूंक देती हैं जैसे इन्सानों में
जीने की इच्छा को
ज़िंदा रखती हैं...

सुनो !
मेरे लिए
ये केवल प्रकृति नहीं हैं
मेरी प्रवृत्ति का आधार हैं...

और सुनो!
तुम जो ये चंद दिनों को
यहां मेहमान बनकर आते हो
और कोलाहल भरे जीवन में खोई हुई
मन की शांति तुमको मिलती है

तो सोचो !
ये पहाड़
जिनके सायों तले
हम पले बढ़े
जो हमारे हौसलों के गवाह हैं...
ये नदियां, ये हवाएं जो हमारी
नस नस में बहती हैं
कैसे इनको छोड़कर कहीं और
सकून की छांव
हमें मिल सकती हैं ??



#पहाड़ी
© संवेदना🌼