...

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जमाना बदल गया है
#Abhishek maurya

जमाना बदल गया है
अफसाना बदल गया है
अपना था जो पहले
वह बेगाना बन गया है

समंदर वही है पर
किनारा बदल गया है
पंछी भी वही है पर
ठिकाना बदल गया है

जीवन का यह सारा
मधुर दस्तूर मिट गया है
मदद के लिए उठा था जो हाथ
वह हाथ कट गया है

लहराती थी जहां फसलें
खेत वह वीरान हो गया है
जड़ सूखी है विशाल वृक्ष की
मगर हरियाली का नाम हो गया है

खुशियां दाव पर रखकर
जरूरी नौकरी का मकाम हो गया है
इस कशमकश की भीड़ में
जन्नत भी शमशान हो गया है



© Abhishek maurya