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उम्र की दहलीज पर .....
उम्र की दहलीज पर
जब सांझ की आहट होती है
तो छोड़ दुनिया के सारे भरम
सिर्फ सुकून की चाहत होती है
हां ये बिल्कुल सच है ...
पर यदि उम्र को हराना है
तो शौख जिंदा रखिए
घुटने साथ दे ना दे पर
मन उड़ता परिंदा रखिए
वक्त तो बीत ही रहा है
ये चेहरे पे मायूसी कैसी
जिंदा दिल रहिए जनाब
उम्र की ऐसी की तैसी
© Rekha pal
जब सांझ की आहट होती है
तो छोड़ दुनिया के सारे भरम
सिर्फ सुकून की चाहत होती है
हां ये बिल्कुल सच है ...
पर यदि उम्र को हराना है
तो शौख जिंदा रखिए
घुटने साथ दे ना दे पर
मन उड़ता परिंदा रखिए
वक्त तो बीत ही रहा है
ये चेहरे पे मायूसी कैसी
जिंदा दिल रहिए जनाब
उम्र की ऐसी की तैसी
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