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दौलत से या मुहब्बत कर खरीदोगे मुझे
दौलत से या मुहब्बत कर खरीदोगे मुझे
अब लग रहा शिकायत कर खरीदोगे मुझे ।।
रोज तुम खुदा के घर पर ही देखे जाते हो
कहीं ऐसा न हो इबादत कर खरीदोगे मुझे।।
मुझे तन्हा देख कर शायद तुम बुरा मान गए
सबको लगा कि हिमायत कर खरीदोगे मुझे।।
दुश्मनों के बीच डटे रहने की आदत है हमें
यकीनन तुम भी अदावत कर खरीदोगे मुझे।।
अब लग रहा शिकायत कर खरीदोगे मुझे ।।
रोज तुम खुदा के घर पर ही देखे जाते हो
कहीं ऐसा न हो इबादत कर खरीदोगे मुझे।।
मुझे तन्हा देख कर शायद तुम बुरा मान गए
सबको लगा कि हिमायत कर खरीदोगे मुझे।।
दुश्मनों के बीच डटे रहने की आदत है हमें
यकीनन तुम भी अदावत कर खरीदोगे मुझे।।
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