किस्मत कलम✍🏻 की......
किस्मत कलम की क्या खूब रही
हर पल वो काग़ज़ के संग ही रही..!
ना आशा, ना निराशा को अपने संग लाई ..
लग कर काग़ज़ के अंग वो,
अपने रंग से सजती रही....!
ना सुबह की चिंता ना फिक्र शाम की ,
दिन रात वो चलती रही...!
ना रुकती कभी, ना वो थकती कभी, ...
हर पल वो काग़ज़ के संग ही रही..!
ना आशा, ना निराशा को अपने संग लाई ..
लग कर काग़ज़ के अंग वो,
अपने रंग से सजती रही....!
ना सुबह की चिंता ना फिक्र शाम की ,
दिन रात वो चलती रही...!
ना रुकती कभी, ना वो थकती कभी, ...