मैं श्रृंगार हूँ.....
मैं श्रृंगार हूँ तेरी कलम की
तु है शायर मेरा सादगी से भरा...
जो हो बसर लहज़े सोहबत का
तो स्याही से सजे एक नगमा प्यारा..!
मैं श्रृंगार हूँ तेरी हर नज़्म की ,
तु है सनम वफा-ए -यार मेरा ...
तु है शायर मेरा सादगी से भरा...
जो हो बसर लहज़े सोहबत का
तो स्याही से सजे एक नगमा प्यारा..!
मैं श्रृंगार हूँ तेरी हर नज़्म की ,
तु है सनम वफा-ए -यार मेरा ...