तनाव भरे जीवन में भी हाथ थाम लेता.....
#थामतेरहना
जिंदगी के उफनते गहरे समुंदर में,
तनाव भरे ज्वार जब अहम के साहिल से टकराते है।
हाथ जो मेरा थामा था तूने विश्वास से,
अब तो वही विश्वास की नाव डगमगाते है।
सोची हो जाएंगे आसान संग तेरे सफर जिंदगी का,
उम्मीद कहाँ था की तूफान भरे जीवन कें ,
बीच मजधार में छोड़ तु आगे निकल जाएगा।
जिंदगी की ज्वार भाटा में यूँ तन्हा छोड़ देगा।
मैं मुर्ख डगमगाते नाव को उम्मीद की
विश्वास से आज भी थामें हुए ,
बीच समुंदर में गोते लगा रही हूँ,
तु जीवन की छोटी छोटी तनावों से तिलमिला उठा है।
जीवन के उफनते समुंदर की चुनोतियों से
सहम दूर खड़ा है।
थाम लेगा जिंदगी का पतवार इस
चाह और तनाव में मै लडखडा रही हूँ।।
@chanda©
© All Rights Reserved
जिंदगी के उफनते गहरे समुंदर में,
तनाव भरे ज्वार जब अहम के साहिल से टकराते है।
हाथ जो मेरा थामा था तूने विश्वास से,
अब तो वही विश्वास की नाव डगमगाते है।
सोची हो जाएंगे आसान संग तेरे सफर जिंदगी का,
उम्मीद कहाँ था की तूफान भरे जीवन कें ,
बीच मजधार में छोड़ तु आगे निकल जाएगा।
जिंदगी की ज्वार भाटा में यूँ तन्हा छोड़ देगा।
मैं मुर्ख डगमगाते नाव को उम्मीद की
विश्वास से आज भी थामें हुए ,
बीच समुंदर में गोते लगा रही हूँ,
तु जीवन की छोटी छोटी तनावों से तिलमिला उठा है।
जीवन के उफनते समुंदर की चुनोतियों से
सहम दूर खड़ा है।
थाम लेगा जिंदगी का पतवार इस
चाह और तनाव में मै लडखडा रही हूँ।।
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