// इंटरनेट से पहले//
// इंटरनेट से पहले//
इंटरनेट से पहले जिंदगी गुलजार हुआ करती थी,
पूछते थे मिल कर गले खैरियत एक दूसरे की,
छोटे की थी इबादत, घरों में संस्कार और
बड़ों की बंदगी थी,
जब नहीं था इंटरनेट अपनों के संग खुशहाल जिंदगी थी,
करते थे जब सिर झुका प्रणाम बड़ों को,
आशीर्वाद की लगती झड़ी थी,
कभी डांट तो कभी दुलार मिलती हर घडी थी,
रात को आंगन में बैठ कर
जब...
इंटरनेट से पहले जिंदगी गुलजार हुआ करती थी,
पूछते थे मिल कर गले खैरियत एक दूसरे की,
छोटे की थी इबादत, घरों में संस्कार और
बड़ों की बंदगी थी,
जब नहीं था इंटरनेट अपनों के संग खुशहाल जिंदगी थी,
करते थे जब सिर झुका प्रणाम बड़ों को,
आशीर्वाद की लगती झड़ी थी,
कभी डांट तो कभी दुलार मिलती हर घडी थी,
रात को आंगन में बैठ कर
जब...