...

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तुम्हें खूबसूरत चांद लिखा
तुम्हें खूबसूरत चांद लिखा
तुम्हें अपने दिल का नाम लिखा
और तुम गुरुर करती रही
और मैं खुद को आशिक बदनाम लिखा

जमाने भर मुझे टोकते रहे
और मैं तुझे अपना धाम लिखा
कर्म धर्म और धरा को भूला
और तुम्हें अपना पावन गंगा धाम लिखा

छाती रही तुम मेरी मुस्कुराहटों पर
ऐसा तुझको तेरा नाम लिखा
मैं भले ही नहीं हूं श्याम लेकिन
मैं तुझको अपना राधा नाम लिखा

लिखते रहा मोहब्बत की किताबें
हर पन्ने पर तेरा नाम लिखा
तु छाई रक्त की हर बूंद में
तो तुझे मैं जीवन का संग्राम लिखा

तुम चाहत तुम आहत
तुम्हें स्मरण का नाम लिखा
लिखते रहा तुम्हें सदा
अपने पावन घर का सुंदर सुशील मुस्कान लिखा

तुम्हें खूबसूरत चांद लिखा,,,,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar