...

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सहजता ,सुंदरता ,सम्पन्नता
मुझे जब भी
लिखना होगा....

नदियों का कलरव
झरनों का झर झर,

शांति,
उजला कबूतर,

शरारतों में
सलीकेदार खूबसूरती,

ओंस
में लिपटी ठंडक..

फुलों, कलियों
में पसरती खुशबुएँ

रोशनी की
टिप टिप बारिश.

लगन का
उगता , बढता
फलता फूलता पौधा
और फिर पेड़..

अर्थात्..
सहजता
में
सुंदरता
में
सम्पन्नता

संक्षिप्तत:
मुझे सबसे सुंदर
कविता लिखनी होगी
तो......

मैं बित्ते
भर की दूरी पर बैठी....

तुमको ही लिक्खूंगा


© जर्जर

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