Mr. Irfan khan
तुम्हें याद कर रहा है हिनदुस्तान
तुम कहा चले गये हो इरफान
दुनिया को कह के अलविदा
जन्नत मे बस गये हो इरफान
हसीं जो तुम्हारी धड़कन है लाखों दिलो की
क्यो फिर तुम इसे तड़पता छोड़ गये हो इरफान
माना तुम्हें तारीफ पसंद नही थी अपनी
फिर क्यों लफ़्ज़ों पे क़सीदा छोड़ गये हो इरफान
होता अगर बस मे तो छिन लाता तुम्हें खुदा से भी
मगर इस दुनिया से अब हवा हो गये हो इरफान
तुम्हें याद कर रहा है हिनदुस्तान
तुम कहा चले गये हो इरफ़ान
तुम कहा चले गये हो इरफान
दुनिया को कह के अलविदा
जन्नत मे बस गये हो इरफान
हसीं जो तुम्हारी धड़कन है लाखों दिलो की
क्यो फिर तुम इसे तड़पता छोड़ गये हो इरफान
माना तुम्हें तारीफ पसंद नही थी अपनी
फिर क्यों लफ़्ज़ों पे क़सीदा छोड़ गये हो इरफान
होता अगर बस मे तो छिन लाता तुम्हें खुदा से भी
मगर इस दुनिया से अब हवा हो गये हो इरफान
तुम्हें याद कर रहा है हिनदुस्तान
तुम कहा चले गये हो इरफ़ान