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मोहब्बत से भरा रिश्ता🥰
कैसा रिश्ता है जो हाथों में ढाल देता है।
जब डूबता हूँ तो दरिया उछाल देता है।
दुआएं साथ चलता है मेरे साये की तरह!
गिरता हूँ जब मैं वो मुझे संभाल लेता है।
बुराईयां और गलतियां बहुत है मुझमें!
मगर देख कर वो हर बार टाल देता है।
कैसे लौटाऊंगा मैं कर्ज़ मोहब्बत का!
दिल मेरा पिघल कर यही सवाल देता है।
© महज़
जब डूबता हूँ तो दरिया उछाल देता है।
दुआएं साथ चलता है मेरे साये की तरह!
गिरता हूँ जब मैं वो मुझे संभाल लेता है।
बुराईयां और गलतियां बहुत है मुझमें!
मगर देख कर वो हर बार टाल देता है।
कैसे लौटाऊंगा मैं कर्ज़ मोहब्बत का!
दिल मेरा पिघल कर यही सवाल देता है।
© महज़
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