...

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ख्याल ए पुजा
RAAJ PREEET

खयालो की बेख्याली मे
तीज त्योहार दीवाली मे
बागों की हरियाली मे
सूरज की लाली मे
एक नाम सुनहरा रहता है
शायरी लिखे जब भी PREEET
सामने POOJA का चेहरा रहता है
कुछ कहता है पर शान्त है मौन है
कौन है हवायों मे हवा सी वो
बफायों मे वफा सी वो
लगती है खुदा सी वो
अकेली अकेली गुमराह सी वो
हाथो की लकीरों मे
पुरानी कुछ तस्वीरों मे
PREEET की कवितायों मे
किस्सा या कहानी मे
आजकल कोई बहता है
शायरी लिखे जब भी PREEET
सामने POOJA का चेहरा रहता है
खुली जुल्फे बन्द अरमान
दिल मे उठे बहुत तुफान
कहने को है POOJA , PREEET की जान
शांत चाँद के समान
जब भी सोचूं सोचता जाऊं
दिल को पास मै फिर बुलाऊं
पुजा से क्या वादा कर जाऊं
बिन वादे के सब साथ निभाऊं
उसके चेहरे की हंसी
शायरियां मेरी पुजा के बिन
हर शब्द अधुरा रहता है
शायरी लिखे जब भी PREEET
सामने पुजा का चेहरा रहता है

© आवारा पागल दीवाना