...

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तेरे हर पांव की मैं, छांव बन जाऊं....
तेरे हर पांव की मैं,
छांव बन जाऊं
तेरे हर खुशी का मैं,
गांव बन जाऊं
यही मैं मांगू रब से,
यही तू कहदे‌ सब से

रिश्ता ये तेरा-मेरा,
सबसे हटके है जरा
आग में तपके, दुनिया के
जैसे सोना खरा-खरा
तेरे हर घाव का मैं,
घेराव बन जाऊं
तेरे हर खुशी का मैं,......

दावा ये नहीं कोई,
दिल में बीज है बोई
किसी से कहना-सुनना क्या
माने ना माने कोई
तेरे हर भाव का मैं,
स्वभाव बन जाऊं
तेरे हर खुशी का मैं,.......

*विपिन कुमार सोनी ©
05.12.2023
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