...

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हांथ नहीं छोरूंगा!
यकीन मानो मेरा मैं रास्ता नहीं बदलुंगा।
तुझे अपना कह कर बेगाना नहीं करुंगा।

लरखराएंगे क़दम कांपेंगे धड़कन मगर!
हांथ थामा फिर कभी हांथ नहीं छोरूंगा।

तुम्हारे साथ जिऊंगा तुम्हारे साथ मरूंगा!
अपना कहा है फिर कभी नहीं ठुकराउंगा।

ये तेरा फ़िक्र तेरा ज़िक्र और तेरा खयाल!
न भुला हूं और न जिवन भर नहीं भूलूंगा।
© महज़