जिक्र तुम्हारा
मोहब्बत का नाम लेते ही ज़िक्र तुम्हारा लबों पर आया है ।
आंखें खुली हो या बंद बस तेरा चेहरा निगाहों पर छाया है ।
तेरे पास आकर मिट जाते है ज़िन्दगी के सारे रंज-ओ-ग़म ।
सारे जहान का सुख प्रियतम हमने तेरी पनाहों में पाया है ।
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आंखें खुली हो या बंद बस तेरा चेहरा निगाहों पर छाया है ।
तेरे पास आकर मिट जाते है ज़िन्दगी के सारे रंज-ओ-ग़म ।
सारे जहान का सुख प्रियतम हमने तेरी पनाहों में पाया है ।
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