...

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संतुलन
जीवन में मैंने पीडाओ और अवसादो में निरंतर
संतुलन बनाये रख्हा हैं

उसीका नातिज़ा हैं कि
जीवन
सुख दुख के इंद्रधनुषी झूलो में
ताउम्र झूलता रहा हैं

बहुत दिनों टक उसका सानिध्य
मेरे साथ बना रहा
अभी तक उसके सानिध्य की महक मेरे नासा पुटो ने थामे रखी हैं