...

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रहने दिया।

जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जहाँ जहाँ थी मन की हँसी सजी
रूदन का कारण बनता हीं गया
अरे तूने यह क्या किया,यह क्या किया।।
हसरतें सजने कभी दी नहीं
अरमानों की होली जला डाली
खुद बेचैन होता हो या न हो
बिन चैन जिंदगी कई कर डाली
जब रूह कलपती है
कलप पङता है यह...